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– शरीर पर फफोले, फोड़े – पैरों में सूजन – खाना पीना छोड़ कर सुस्त हो जाना – बुखार, गांठ घाव में बदल जाना
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– वायरस संक्रमण, मच्छर, मक्खी से फैलता है – केप्रिपॉक्स, शीप पाक्स, गोट पॉक्स के कारण होता है
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– गोट पॉक्स वैक्सीन लगवाएं – रोगी पशु को अलग रखें – पंखा चलाएं, धुआं करें – मच्छर, मक्खी से पशु को बचाएं – रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने आंवला, हल्दी पाउंडर खिलाएं
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– बुखार होने पर गिलोय गुच्छ का काढ़ा बनाकर दें – ART 200-200 ग्राम हल्दी, आंवला, सनाय पत्ती, काला जीरा लें – सभी को पीसकर पशुको प्रतिदिन 50 ग्राम दें
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– स्केबीजन और एक्टिनोक्यूर 3-3ml दस दिन तक दें – दावा रोटी या सीधे मुंह में छोड़ सकते हैं। – दवा देने के एक घंटे पहले और बाद में कोई आहार न दें – मेरीगोल्ड LSD-25 किट पशु चिकित्सक से दिलवाएं