Animal Health Tips: पशुओं में मिल्क फीवर के लक्षण, बचाव और उपचार, जानें।
Health Tips for Animal: मिल्क फीवर एक ऐसा रोग है, जो पशु के खून में कैल्शियम का स्तर कम होने पर विकसित होता है। यह रोग आमतौर पर प्रसव के बाद दूध निकालने की प्रक्रिया की शुरुआत में होता है। यह रोग आमतौर पर ब्याने के 1-3 दिन तक प्रकट होता है, क्योंकि उस समय दूध देने के कारण पशु के शरीर में कैल्शियम की कमी हो जाती है।
लक्षण
पहला चरण
यह रोग की शुरुआती अवस्था है, जिसमें भूख न लगना और शारीरिक कमजोरी होना ,घबराहट रहना।
चिड़चिड़ापन या अतिसंवेदनशीलता रहना, पशु द्वारा बार-बार अपने पैर पटकना ।
दूसरा चरण
- इस अवस्था में रोग थोड़ा सा गंभीर हो जाता है, जिसके लक्षण है।
- गाय सारा दिन बैठी रहना या लेट जाना।
- शारीरिक संतुलन न बना पाना।
- कब्ज होना ।
- हृदय की धड़कन कम होना।
तीसरा चरण
यह मिल्क फीवर की सबसे गंभीर अवस्था होती है, जिसमें पूरा समय धरती पर बैठे रहना ।
गाय को गंभीर अवसाद हो जाना।
बेहोशी हो जाना।
बचाव
ब्यांत से पहले कैल्शियम की खुराक एकदम से बंद न करें।
कैल्शियम सप्लीमेंट्स को रोजाना एक उचित मात्रा में दें। इसके अलावा गाय को कब और कितनी मात्रा में कैल्शियम की खुराक देनी है और कितने दिन तक देनी है, इस बारे में पशु चिकित्सक से बात कर लें।
उपचार
गुड़ व नींबू के रस को कुछ पानी में मिलाकर देते हैं, जिससे भी उनके कैलिशयम स्तर में कुछ सुधार हो सकता है।
पशु को लक्षणों के अनुसार भी कुछ दवाएं दे सकते हैं।
लक्षण दिखने पर पशु चिकत्सक को जरूर दिखाएं।
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